IIT KANPUR में कार्यशाला: बिजली की आवश्यकताओं में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की अहम भूमिका, सौर ऊर्जा रहा अहम मुद्दा
आईआईटी कानुपर में इंटेलीजेंट पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जो 22 मई तक चलेगी। इसमें आईआईटी गुवाहाटी, त्रिची, रोपर, खड़गपुर, केस्को, स्काडा समेत बिजली प्रदाता कंपनियों के विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।
समय के साथ-साथ टेक्नोलॉजी में भी लगातार बदलाव आता जा रहा है। अब तकनीक बिजली की जरूरतों, एरिया के अनुसार लोड क्षमता आदि के बारे में भी सटीक जानकारी देगी। यह सब संभव होगा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से। आईआईटी कानपुर ऐसी ही टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। ऐसे ही विषयों पर इंटेलीजेंट पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर आयोजित कार्यशाला में विस्तार से चर्चा की गई।
इस कार्यशाला का उद्घाटन डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो.एआर हरीश, प्रो.डीन रिसोर्स एंड एल्युमिनाई प्रो.कानतेश बलानी और आईआईटी लाट्रॉब रिसर्च अकादमी के निदेशक प्रो.एससी श्रीवास्त ने किया। कार्यशाला के ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर प्रो.अंकुश शर्मा और प्रो.आलोक रंजन वर्मा हैं। प्रो.अंकुश शर्मा ने बताया कि बिजली सप्लाई में एडवांस सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
आईआईटी विकसित कर रहा है सेंसर
आने वाले वर्षों में सब स्टेशन, सब डिवीजन के उपकरण काफी स्मार्ट होंगे, जिसमें फॉल्ट, गड़बड़ी और अन्य तकनीकी खराबियों का अपने आप पता लग जाएगा। आईआईटी कानपुर भी कई सेंसर विकसित कर रहा है, जिससे अधिकतम आधे घंटे ही बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। गर्मियों में लोड की समस्या आ जाती है। कंपनियों सप्लाई के लिए अतिरिक्त लोड बढ़ती है।
कार्यशाला में ये विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ हुए शामिल
इस कार्यशाला में आईआईटी गुवाहाटी, त्रिची, रोपर, खड़गपुर, केस्को, स्काडा समेत बिजली प्रदाता कंपनियों के विशेषज्ञ शामिल हुए। यह कार्यशाला 22 मई तक चलेगी कार्यशाला में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें बताया गया कि बिजली कम मिलने पर कटौती करना पड़ता है। इसका आंकलन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग से हो जाएगा। पुराने आंकड़ों की आवश्यकता होगी। सौर ऊर्जा से मिलने वाली बिजली को किस तरह से संरक्षित किया जा सके, उस पर परिचर्चा हुई।
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