आइआइटी की तर्ज पर विकसित होगा कारगिल इंजीनियरिंग कालेज, लद्दाख में तकनीक शिक्षा को अपग्रेड करने की कवायद
आइआइटी कानपुर के पूर्व छात्र लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर आरके माथुर लगातार लद्दाख के इंजीनियरिंग पालीटेक्निक कालेजों को अपग्रेड करने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए आइआइटी कानपुर के साथ दिल्ली व मुंबई की टीम के साथ बैठक हुई है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के विज्ञानी, आइआइटी दिल्ली व आइआइटी बांबे के विशेषज्ञों के साथ मिलकर लद्दाख के कारगिल इंजीनियरिंग कालेज को आइआइटी की तर्ज पर विकसित करेंगे। इसमें अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं व उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे संस्थान में छात्र-छात्राओं को बेहतर तकनीकी शिक्षा के लिए दूसरे प्रदेशों के संस्थानों में नहीं जाना पड़ेगा।
लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर आरके माथुर आइआइटी कानपुर के पूर्व छात्र हैं। वह लगातार लद्दाख के इंजीनियरिंग, पालीटेक्निक कालेजों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यही नहीं, उनके प्रयास से ही पूर्व में केंद्र सरकार ने तीनों आइआइटी के प्रतिनिधिमंडलों को लद्दाख भेजकर वहां आइआइटी जैसा तकनीक संस्थान विकसित करने के संबंध में सुझाव मांगे थे।
पिछले दिनों भी तीनों आइआइटी के विशेषज्ञ लद्दाख गए थे और वहां तकनीक व प्रौद्योगिकी संस्थानों के अधिकारियों व शिक्षकों के साथ बैठक करके स्टार्टअप व उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के बाबत चर्चा की थी। इसी कड़ी में रविवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर आरके माथुर ने दिल्ली में तीनों संस्थानों के विशेषज्ञों, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव व अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें लद्दाख के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाकर स्टार्टअप और इंजीनियरिंग को बढ़ाने पर चर्चा हुई। साथ ही तीनों आइआइटी की टीम ने कारगिल में इंजीनियरिंग कालेज के संबंध में फीजिबिलिटी रिपोर्ट पेश की। विशेषज्ञों के मुताबिक कारगिल इंजीनियरिंग कालेज को अत्याधुनिक बनाया जाएगा। वहां छात्र-छात्राओं के विचारों को स्टार्टअप में तब्दील करने के लिए संस्थान फंड व तकनीक सुविधा मुहैया कराएगा। यही नहीं, लद्दाख के छात्र व शिक्षक भी तीनों आइआइटी में आकर प्रशिक्षण ले सकेंगे।
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